केंद्र सरकार ने इससे पहले त्यागी के कार्यकाल को इस साल फरवरी में छह महीने के लिए तब बढ़ाया था, जब उनका पहला तीन साल का कार्यकाल खत्म होने के करीब था.
केंद्र सरकार ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख अजय त्यागी का कार्यकाल बढ़ा दिया है. उनका कार्यकाल इस साल सितंबर के आखिर में खत्म हो रहा था. केंद्र सरकार ने त्यागी के कार्यकाल को फरवरी 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है.
यह कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने त्यागी का कार्यकाल 18 महीने के लिये बढ़ाने का मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने इससे पहले त्यागी के कार्यकाल को इस साल फरवरी में छह महीने के लिए तब बढ़ाया था, जब उनका पहला तीन साल का कार्यकाल खत्म होने के करीब था.
कार्यकाल कब से कब तक बढ़ा है?
उनका कार्यकाल 01 सितंबर 2020 से 28 फरवरी, 2020 तक के लिये बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने त्यागी के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है. आमतौर पर सेबी प्रमुख के कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ाया जाता है. जब अजय त्यागी अपना बढ़ा हुआ कार्यकाल पूरा कर लेंगे, तो यह अवधि खत्म हो जाएगी.
अजय त्यागी के बारे में
अजय त्यागी हिमाचल प्रदेश कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) हैं. उन्हें तीन साल के लिये मार्च 2017 में सेबी चेयरमैन नियुक्त किया गया था. उन्हें मार्च 2020 में छह महीने अगस्त तक के लिये सेवा विस्तार दिया गया था.
अजय त्यागी 01 मार्च 2017 में सेबी के चेयरमैन बने थे. उनसे पहले यू के सिन्हा छह साल तक इस पद पर रहे थे. सेबी का चेयरमैन बनने पहले त्यागी डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनमिक अफेयर्स में एडिशनल सेक्रटरी (इनवेस्टमेंट) थे.
अजय त्यागी के कार्यकाल के दौरान सेबी ने कई सारे सुधार किये. इनमें कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर उदय कोटक समिति की नियुक्ति और इसकी सिफारिशों पर क्रियान्वयन के अलावा म्युचुअल फंड कैटेगरीज में बदलाव लाने के साथ ही कार्वी मामले में तेजी से कार्रवाई करना भी शामिल है.
सेबी के बारे में
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है. इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 में हुई तथा सेबी अधिनियम 1992 के तहत वैधानिक मान्यता 30 जनवरी 1992 को प्राप्त हुई थी. इसका मुख्यालय मुंबई में है. सेबी प्रमुख कार्य प्रतिभूति बाज़ार के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना है.
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