अहमदाबाद स्थित इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के आईपीओ से 550 करोड़ रुपये जुटाए जाने की योजना है. कंपनी इस धन का इस्तेमाल अपने नए प्रोजेक्ट्स में निवेश, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और अन्य कॉरपोरेट उद्देश्य से करेगी.
नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) 500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. कंपनी को अप्रैल महीने में इसके लिए मंजूरी मिली है. कंपनी इस तरह से जुटाए पैसे का इस्तेमाल कोर सेटलमेंट गारंटी फंड के लिए करेगी.
यह भारत के सबसे बड़े स्माल फाइनेंस बैंक (SFB) में से एक है. कंपनी ने 1,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए दिसंबर में आवेदन किया था जिसको सेबी द्वारा मार्च में मंजूरी मिली है. कोरोना वायरस की वजह से कंपनी ने मार्च में आने वाला आईपीओ टाल दिया और अब यह अगले कुछ महीने में आएगा.
बर्गर किंग इंडिया ने नवंबर 2019 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था और इसे जनवरी में इसकी मंजूरी मिली है. कंपनी इस आईपीओ से करीब 1000 करोड़ रुपये जुटाएगी. कंपनी इस धन का इस्तेमाल भविष्य की पूंजी जरूरतों के लिए करेगी.
ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ईजीमायट्रिप (EaseMyTrip) ने आईपीओ के लिए सेबी में दिसंबर 2019 में आवेदन किया था. कंपनी इस आईपीओ से करीब 510 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. EaseMyTrip ने कहा है कि वह इस पब्लिक इश्यू के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के फायदे उठाना चाहती है
कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विस (CAMS) का मुख्यालय चेन्नई में है. कंपनी ने आईपीओ के लिए आवेदन इस साल जनवरी में किया था. कंपनी इस आईपीओ के जरिए 1000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. कंपनी का दावा है वह भारत की सबसे बड़ी रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTA) है और म्यूचुअल फंडों को अपनी सेवाएं देती है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है. इसका आईपीओ भी इस साल दिसंबर से पहले आने की उम्मीद है. इसके खिलाफ SEBI की एक जांच की वजह से इसका आईपीओ पिछले कई साल से टल रहा था.
सेबी ने UTI Asset Management Company (UTI AMC) के आईपीओ को इस साल जनवरी में मंजूरी दी है. कंपनी इसके द्वारा करीब 8.25% हिस्सेदारी जनता को देना चाहती है. इससे कंपनी करीब 3500 करोड़ रुपये जुटाएगी.
लोढ़ा डेवलपर्स 5500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए जुलाई जुलाई 2018 में ही आईपीओ लाने वाली थी, लेकिन अब कंपनी की योजना 3,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की है.
बजाज एनर्जी को पिछले साल सितंबर में 5450 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए इजाजत मिली थी. आईपीओ से जुटी रकम को कंपनी समूह की अन्य कंपनियों ललिपुर पावर जनरेशन कंपनी और बजाज हिंदुस्तान सुगर को खरीदेगी.
डाइनिंग रेस्टोरेंट चेन बॉरबेक्यू नेशन हॉस्पिटलिटी का भी आईपीओ आने जा रहा है. इसके जरिए कंपनी करीब एक हजार करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.
इंटीग्रेटेड रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) को पिछले साल सितंबर में सेबी से आईपीओ के लिए मंजूरी मिली थी. यह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी इस आईपीओ से करीब 750 करोड़ रुपये जुटाएगी और यह इस साल सितंबर तक आ सकता है. यह सरकारी कंपनी है और इसे सरकार से जून 2017 में ही आईपीओ के लिए मंजूरी मिल चुकी है.
इस साल का सबसे चर्चित और बहुप्रतीक्षित आईपीओ भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का होगा. शेयर मार्केट में आने के बाद यह कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस जैसे दिग्गजों की कतार में शामिल हो सकती है. मोदी सरकार ने इस साल के बजट में ही प्रस्ताव रखा था कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के द्वारा एलआईसी का एक हिस्सा बेच दिया जाए. इससे एलआईसी का मार्केट वैल्यूएशन 8 से 10 लाख करोड़ रुपये का हो सकता सकता है. इस आईपीओ के भी इसी साल आने की उम्मीद की जा रही है.
ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग को जुलाई 2019 में ही सेबी से आईपीओ से मिली मंजूरी मिल चुकी है. कंपनी इससे करीब 600 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसका भी आईपीओ इसी साल आएगा.
सरकारी कंपनी एनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेज (EES) के आईपीओ का भी लोग इंतजार कर रहे हैं. इससे कंपनी करीब 5,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. यह असल में बिजली क्षेत्र से जुड़ी चार दिग्गज कंपनियों एनटीपीसी, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्प, पावर फाइसेंस कॉर्प (PFC) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के बीच बना एक संयुक्त उद्यम है.
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