शेयर बाजार में निवेश से पहले गांठ बांध ले ये 7 बातें

वर्ष 2020 की शुरूआत से ही दुनिया भर में फैली अज्ञात बीमारी, जिसे बाद में कोविड-19 (Covid-19) के रूप में जाना गया, का प्रकोप भारत में बढ़ता ही जा रहा है। जब से महामारी का प्रकोप हुआ है, दुनियाभर के शेयर बाजारों में निराशाजनक सेंटिमेंट (Negative sentiment) हावी है। दुनिया ने अतीत में 2008 के वैश्विक मंदी (Depreciation) सहित कई वित्तीय संकट (Financial crisis) देखे हैं। और, ऐसी स्थितियों में भी, कोई भी निवेशक (Investor) पैसा नहीं खोना चाहता

इस समय, सेकेंड के एक हिस्से के लिए, कोरोनावायरस (Corona virus) के प्रकोप को भूल जाते हैं। यह अभी भी हर एक के लिए, जो शेयर बाजार (Share Market) में निवेश (Investment) करने का सोच रहा है, बहुत महत्वपूर्ण है कि नुकसान के जोखिम (Risk) को कम करने के लिए कुछ चीजों की जानकारी रखें। एंजेल ब्रोकिंग हमें बता रहे हैं उन 7 फेक्टर (Factors) को, जो हर निवेशक को निवेश के समय पता होना चाहिए। ये कारक सभी वक्त के लिए मौजूं है, चाहे वह अच्छा हो या बुरा।

स्टॉक मार्केट को जानिये

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शेयर बाजार एक जटिल प्रणाली है, जहां सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के शेयरों को जारी किया जाता है, खरीदा और बेचा जाता है। भारत में अधिकांश कारोबार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर होता है। इस जटिल प्रणाली में उतरने से पहले, विशेष रूप से नौसिखिया निवेशकों के लिए, शेयर बाजार की बारीकियों को समझना महत्वपूर्ण है। शेयर बाजार विविध विचारों वाले लाखों निवेशकों से बना है। जब एक निवेशक अपना शेयर बेचता है, तो कोई और उसे खरीदने की इच्छा कर सकता है। यह एक प्रतिकूल प्रणाली है, जहां एक को लाभ होगा और दूसरे को नुकसान। इस प्रकार, किसी भी व्यक्ति के लिए निवेश करने से पहले शेयर बाजार के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ होना अनिवार्य हो जाता है

ट्रेडिंग मैकेनिज्म

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दक्षता और पारदर्शिता प्रदान करने के लिए भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेडिंग पूरी तरह से ऑटोमेटेड मैकेनिज्म से होती है जो कि "Screen based trading system" है। याद रखें कि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज Order driven हैं, जो खरीदारों और विक्रेताओं की गुमनामी सुनिश्चित करता है। इस प्रणाली के साथ, समय और प्राइज प्रायरिटी के आधार पर ऑर्डर का मिलान होता है, जिससे पूरी प्रणाली में पारदर्शिता आती है।

स्टॉक की कीमतों में उतार-चढ़ाव किस वजह से होता है?

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एक आशावादी कह सकता है बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव, या अस्थिरता, बेहतर रिटर्न प्राप्त करने की संभावना बढ़ाती है। हालांकि, अस्थिरता तब होती है जब बाजार में अनिश्चितता होती है। इसका कारण कोविड-19 जैसी स्थिति, आपूर्ति और मांग में अंतर, या प्राकृतिक आपदा, आदि हो सकता है। इसके अलावा, यदि विक्रेता खरीदारों से अधिक हैं, तो शेयर की कीमतें गिर जाएंगी और इसके विपरीत भी हो सकता है।

दिमाग में क्या स्पष्ट होना चाहिए?

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एक निवेशक के रूप में आप सुरक्षित स्थान पर हैं यदि आप दो सबसे महत्वपूर्ण निर्णय समझते हैं - कब खरीदना है और कब बेचना है। इसके अलावा, एक निवेशक के रूप में, किसी को भी शेयर की कीमतों के बारे में अच्छी तरह से समझ होनी चाहिए और साथ ही उन घटनाओं का विश्लेषण करना चाहिए, जो शेयर बाजार में मंदी का कारण बन सकते हैं। यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो मुश्किल समय में भी इन्वेस्टर अपने निवेश से पैसा कमा सकता है।

स्टॉक वैल्युएशन

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एक शेयर की वास्तविक कीमत बाजार गतिविधि द्वारा निर्धारित होती है। शेयर खरीदने या बेचने का निर्णय लेते समय, निवेशक अक्सर स्टॉक की वास्तविक कीमत की उसके उचित मूल्य से तुलना करेगा। जब तक, जोखिम से प्यार नहीं है, तब तक किसी को भी एक शेयर में बहुत अधिक पैसा लगाने से बचना चाहिए।

ब्रोकरेज फर्म की सलाह

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नए जमाने की ब्रोकरेज फर्म एल्गोरिथम-बेस्ड निवेश की सलाह देती हैं, जो पहली बार निवेश करने वालों को उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न कमाने की अनुमति देती है। जो शेयर बाजार निवेश में नए हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसी तकनीकों की मदद लेनी चाहिए कि जो उन्हें सही निवेश निर्णय लेने में मदद करें।

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