बढ़ते गैस के दाम कर रहे हैं परेशान तो घर में ही लगा लीजिए बायोगैस प्लांट!

किफायती होने के साथ-साथ, बायोगैस हवा से हल्की होने के कारण किसी भी तरह के विस्फोटक से सुरक्षित भी रहती है!


कुछ दिन पहले, भारत में सरकारी कंपनियों ने एलपीजी गैस सिलिंडर के दाम में 144. 5 रुपये की बढ़ोतरी की है। वैसे पिछले छह सालों में गैस के दामो में बढ़ोतरी हुई है।

इंडियन ऑइल कंपनी एक दिन में 30 लाख इंडेन सिलिंडर सप्लाई करती है। उनका 14. 2 किग्रा का गैस सिलिंडर अब 858. 5 रुपए का हो गया है। मुंबई में सिलिंडर की कीमत 145 रुपये बढ़ी है, जबकि कोलकाता में 149 रुपए और चेन्नई में 147 रुपए।

आप गैस सिलिंडर पर इतना ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते तो आप इसके बदले एक सस्ता, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प चुन सकते हैं- बायोगैस प्लांट।

बायोगैस, किचन से निकले फ़ूड वेस्ट और जैविक हरे कचरे (एग्रो-वेस्ट) से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन और ऑक्सीजन जैसी गैसों का मिश्रण है।


पर्यावरण संरक्षण पर जोर डालते हुए वह कहते हैं, “गीले कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस, ओज़ोन परत के ह्रास (डिप्लीशन) का कारण है। ऐसे में, अगर हम इसका उपयोग कुकिंग के लिए करें तो हम पर्यावरण को बचाने में योगदान दे सकते हैं।”

पीपल वेस्ट मैनेजर्स कंपनी, बायो-डाइजेस्टर में गीले कचरे की प्रोसेसिंग करके लोगों की मदद कर रही है, क्योंकि इससे खाना पकाने की लागत में 80% तक की कटौती होती है।

वैसे तो डाइजेस्टर निजी स्तर पर भी लगाया जा सकता है, लेकिन चार सदस्यों वाले परिवार के लिए जितनी गैस लगेगी उसके लिए लगभग 5 किलो कचरे की ज़रूरत होगी। ऐसे में, हर्षवर्धन के मुताबिक एक सामुदायिक बायो-डाइजेस्टर लगवाना बेहतर तरीका है।

एक सामान्य बायोगैस प्लांट 300 ग्राम गैस का उत्पादन करता, जब आप डाइजेस्टर में 5 किलो जैविक कचरा डालते हैं। बहरहाल, एक सामान्य भारतीय परिवार रोज़मर्रा आधे किलो या उससे थोड़ा-सा ज्यादा कचरा ही उत्पन्न करता है।

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