1.सबसे पहले आप आज और अभी से ही अपनी इनकम का 10 फीसदी इंवेस्ट करना शुरू करें. यह इंवेस्ट का पहला रूल है कि आपको ये इंतजार नहीं करना है कि आपकी सैलरी लाखों में हो जाएगर, तब आप इंवेस्ट करेंगे. आप इस वक्त जितना भी कमा रहे हैं उसमें से कम से कम 10 फीसदी तो आपको इंवेस्ट करना ही चाहिए. इसके लिए सबसे पहले अपनी आय और खर्चों को नोट करें. जब आप दोनों चीजों को लिखेंगे तो आपको खुद समझ आएगा कि आप फिजूलखर्ची कर रहे हैं या नहीं और उसे कैसे रोकना है.
2.मौजूदा समय में ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और ईएमआई पर भी सामान खरीदते हैं. अगर आप भी EMI भर रहे हैं तो भूलकर भी इसका पेमेंट कभी लेट न करें. ऐसे ही क्रेडिट कार्ड के बिल पेमेंट को भी लेट न करें. क्रेडिट कार्ड में मिनिमम बिल पेमेंट के चक्कर में भी न पड़ें. ऐसा करने से आप के बिल में कई तरीके के टैक्स जुड़ जाएंगे और आपकी भुगतान राशि बढ़ती ही चली जाएगी.
3.आप जो भी इंवेस्ट कर रहे हैं उसे बिलकुल अलग हटा कर रख दें. इसके बाद आपके पास एक इमरजेंसी फंड होना चाहिए, जिससे अगर आपके सामने काई मुश्किल आती है तो न आपको अपने निवेश में से पैसा निकालना पड़े और न किसी के आगे हाथ फैलाने पड़ें. अगर आप अपने निवेश किए गए पैसे में से विदड्रॉ करेंगे तो आपका इंवेस्टमेंट प्लान गड़बड़ा जाएगा और अगर आपने कहीं से लोन लिया तो उसका भुगतान करना भी आपके लिए अतिरिक्त बोझ हो जाएगा.
4.आपका इंवेस्टमेंट अलग है, इमरजेंसी फंड अलग है और खर्चों का यह फंड एकदम अलग होगा. इसमें आपके आने वाले 4 से 6 महीनों के मंथली खर्चों का फंड बनाना होगा. यह सच बात है कि इतने सारे फंड एक दिन में तैयार नहीं होंगे, लेकिन अगर आप धीरे-धीरे कोशिश करेंगे तो कुछ महीनों में आप ये फंड तैयार कर लेंगे. खर्चों का फंड बनाने से फायदा यह होगा कि आपको पता रहेगा कि आपके कितने खर्चे हैं और आपके पास हमेशा उनके लिए पर्याप्त पैसा रहेगा.
5.अगर आपको अपने इंवेस्ट किए हुए पैसे से कोई आय हो रही है, जैसे कि आपका कोई फंड मैच्योर हुआ है या ट्रेडिंग से आपको कुछ अतिरिक्त आय हुई है, और आपको उस पेसे की अभी जरूरत नहीं है तो उस पैसे को दोबारा इंवेस्टमेंट में लगा दें.
6.अगर आपने इंवेस्टमेंट करने का पहला कदम उठा लिया है तो रुकें नहीं. यह सच है कि आपको छह महीने या एक साल में रिटर्न नहीं मिलेंगे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आपको कभी रिटर्न नहीं मिलेंगे. आपको अपने इंवेस्टमेंट प्लान में लगातार निवेश करते रहना होगा. उदास या निराश होकर इंवेस्टमेंट को बीच में छोड़ने से आप बड़ी रकम नहीं बना पाएंगे.
7.यह सबसे जरूरी आदत है, अगर आपने इसे फॉलो नहीं किया तो आपका इंवेस्टमेंट प्लान सफल नहीं हाे सकेगा. इंवेस्टमेंट के बाद यह भी जरूरी है कि आप अपने इंवेस्टमेंट पर नजर बनाए रखें. सिर्फ इंवेस्टमेंट कर देने भर से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती है. आपको लगातार देखना होगा कि आपका इंवेस्टमेंट प्लान कैसा चल रहा है. अगर हर छह या आठ महीने पर आपको लगे कि रिटर्न नहीं मिल रहे हैं तो आप किसी और फंड में निवेश करें. साथ ही कभी भी बिना कंपनी का रिव्यू किए या किसी के दबाव में कभी इंवेस्ट न करें, इससे आपका पैसा डूबने के चांस ज्यादा रहते हैं.
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