एप्पल की योजना चीन से कारोबार में धीरे धीरे कमी लाकर उसे दूसरे देशों में शिफ्ट करने की है। एप्पल को लगता है कि चीन में कारोबारी माहौल अब गड़बड़ होने लगा है। यही कारण है कि वह धीरे धीरे चीन से निकलने की तरफ कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में एप्पल के लिए मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां अब भारत में अपने पांव जमा रही हैं। इसी क्रम में अब तीसरी कंपनी भी भारत आ गई है। इसके बाद एप्पल के सभी मोबाइल फोन का भारत में निर्माण संभव हो सकेगा। उम्मीद है कि भारत जल्द ही एप्प्ल के लिए सबसे बड़ा निर्यातक देश भारत बन जाएगा।
एप्पल चीन में वर्ष 2018-19 के दौरान सबसे बड़ी निवेश कंपनी थी। यहां पर एप्पल कुल मिलाकर 200 अरब डॉलर से भी ज्यादा के मोबाइल फोन और अन्य उत्पादों को बना रही थी। इसमें से ज्यादातर का निर्यात होता था। लेकिन अब स्थिति बदलना शुरू हो रही है।
मोदी सरकार ने कोरोना माहामारी के दौरान ही देश में इलेक्ट्रानिक उत्पादों के निर्माण बढ़ाने के लिए एक कैशबैक योजना की घोषणा की थी। यह योजना करीब 50 हजार करोड़ रुपये की है। इस योजना के तहत देश में पूरी तरह से इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को कैशबैक दिया जाएगा। सरकार ने यह प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत 5 देश की और 5 विदेशी कंपनियों का चयन किया जाएगा। इससे उम्मीद है कि अगले 2 से 3 साल में देश में इलेक्ट्रानिक उत्पादों के निर्माण के क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह से बदल जाएगी।
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