धारा 80C के अलावा ये 5 तरीके भी बचाते हैं टैक्स

यूं तो टैक्स बचाने के लिए अधिकतर लोग धारा 80सी में निवेश (tax saving 80c) करना पसंद करते हैं, लेकिन इसके अलावा भी कई टूल (Tools to save tax) हैं, जिनमें निवेश कर के टैक्स बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

नई दिल्ली
जब कभी टैक्स बचाने की बात आती है तो दिमाग में सबसे पहला ख्याल सेक्शन 80C (tax saving 80c) का ही आता है। वैसे आपके पास इसके अलावा भी कई विकल्प है, जिनसे आप अपने पैसों पर लगने वाला टैक्स बचा सकते हैं। इसमें रिटायरमेंट प्लानिंग से लेकर परिवार को सुरक्षित रखने तक और घर खरीदने तक के विकल्प शामिल हैं। यहां तक कि खाते में पड़े-पड़े भी आपके पैसे टैक्स बचा (Tools to save tax) सकते हैं। आइए जानते हैं उन विकल्पों के बारे में जो आपका टैक्स बचा सकते हैं।

1- नेशनल पेंशन स्कीम


अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम में पैसे लगाते हैं तो धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत 50 हजार रुपये तक पर टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। यहां ये ध्यान रखने की बात है कि ये डिडक्शन धारा 80सीसीडी(1) के तहत किए निवेश के बाद मिलेगा और एक ही डिडक्शन दोनों सेक्शन के तहत क्लेम नहीं किया जा सकता है।

2- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम


अगर आप 60 साल से कम हैं और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम दे रहे हैं तो आप 25000 रुपये तक पर टैक्स बचा सकते हैं। इसके तहत आप खुद, पति या पत्नी और बच्चे का प्रीमियम दे सकते हैं। ये मेडिक्लेम हो सकता है, फैमिली फ्लोटर हो सकता है या फिर क्रिटिकल इलनेस हो सकता है। इसके तहत दिया गया प्रीमियम धारा 80डी के तहत डिडक्ट किया जाएगा। जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है, उन्हें 50 हजार रुपये तक पर टैक्स का फायदा मिलेगा। अगर टैक्स पेयर और उसके पैरेंट दोनों ही 60 साल से अधिक की उम्र के हैं तो 1 लाख रुपये तक पर टैक्स डिडक्शन का फायदा लिया जा सकता है।

3- एजुकेशन लोन का भुगतान


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अगर हायर एजुकेशन के लिए कोई लोन लिया गया है तो उसके भुगतान में दिए गए ब्याज पर भी टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। आयकर कानून के तहत हायर एजुकेशन का मतलब है कि 12वीं के बाद किया गया कोई भी कोर्स। धारा 80ई के तहत लोन पर लगने वाले ब्याज पपर टैक्स छूट मिलती है। ध्यान रहे कि ये लोग किसी मान्यता प्राप्त संस्था या बैंक से लिया गया हो और अपने, बच्चे या पति/पत्नी के लिए लिया गया हो। ये छूट तुरंत आने वाले असेसमेंट ईयर और उसके बाद 7 असेसमेंट ईयर तक मिल सकती है या जब तक पूरे लोन की भरपाई ना हो जाए, जो भी पहले हो।

4- होम लोन पर चुकाया जाने वाला ब्याज


होम लोन की ईएमआई में प्रिंसिपल वाले हिस्से पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है। वहीं ब्याज वाले हिस्से पर सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। ध्या रहे कि टैक्स का फायदा सिर्फ तभी मिलेगा, जब लोन लेने की तारीख के बाद 5 साल के अंदर घर का पजेशन आपको मिल जाता है।

5- जमा राशि से होने वाली कमाई

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आयकर की धारा 80टीटीबी के तहत जमा राशि से होने वाले ब्याज की कमाई पर टैक्स छूट मिलती है। धारा 80टीटीबी के तहत अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये प्रति साल है। यह सेक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 अप्रैल 2018 से उपलब्ध है। हालांकि, धारा 80टीटीए के तहत सेविंग अकाउंट के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाला 10 हजार रुपये तक का डिडक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं है।

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